जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए यह दिशानिर्देश है
प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का उद्देश्य लोगों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराना है। सरकार इस योजना के तहत खोली गई दुकानों के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की बिक्री करती है। मोदी सरकार की एक योजना है जिसके तहत मरीजों को 50 से 90 प्रतिशत दवाइयां दी जाती हैं।
केंद्र सरकार ने गरीबों को सस्ती दवाओं तक सीधे पहुंच प्रदान करने के लिए 2015 में योजना शुरू की। इसके साथ ही यह युवाओं के बीच रोजगार का भी एक बेहतरीन विकल्प है।
इस योजना के तहत जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। गाइडलाइन की सबसे बड़ी शर्त यह है कि अगर कोई व्यक्ति इस योजना के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र खोलना चाहता है, तो उसके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए।
यदि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र खोलना चाहता है और किसी और को रोजगार देना चाहता है, तो उसके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए। यही है, आवेदन के समय प्रमाण के रूप में डिग्री प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
यही स्थिति संगठन या गैर सरकारी संगठन के लिए भी लागू होती है। जनधुधि केंद्र खोलने पर दुकान मालिकों को दवा बेचने के लिए 20 प्रतिशत मार्जिन दिया जाएगा। इसके अलावा, सामान्य और विशेष प्रोत्साहन भी उपलब्ध हैं।
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